Home समाचार ड्यूटी पर तैनात पांच पुलिसकर्मी चला रहे थे Whatsapp, सभी सस्पेंड

ड्यूटी पर तैनात पांच पुलिसकर्मी चला रहे थे Whatsapp, सभी सस्पेंड

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अयोध्या राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। लंबे समय से चले आ रहे इस संवेदनशील केस पर फैसले के दौरान कई राज्यों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई और कई जिलों में धारा 144 लागू रही। फैसले को लेकर मध्य प्रदेश प्रशासन भी अलर्ट पर था और चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती की गई। इसी बीच ड्यूटी पर तैनात 5 पुलिसकर्मीयों को व्हाट्सऐप पर चैटिंग करने के चलते संस्पेंड कर दिया गया है।फैसले के चलते लगी थी ड्यूटी
अयोध्या पर फैसले के चलते लगी थी ड्यूटी

मिली जानकारी के मुताबिक सभी पांच पुलिसकर्मियों की तैनाती मध्य प्रदेश के बेहद संवेदनशील इलाके में की गई थी। तैनाती के दौरान इनका ध्यान काम पर नहीं था और सभी पांच पुलिसवाले व्हाट्सऐप पर चैटिंग करते पाए गए। काम में लापरवाही बरतने के चलते सभी को संस्पेंड कर दिया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर का है जहां पुलिसकर्मी तैनात थे। शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मद्देनजर रखते हुए पुलिस प्रशासन ने इनकी ड्यूटी यहां लगाई थी।

औचक निरीक्षण में पकड़ाये
औचक निरीक्षण में पकड़े गए

जबलपुर के पुलिस अधीक्षक अमित सिंह ने बताया कि, जब सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए अधिकारी औचक निरीक्षण पर पहुंचे तो उन्होंने पांच पुलिसकर्मियों को अपने फोन में व्यस्त पाया। पूछताछ में पता चला कि वह सभी अपने परिजनों और पहचान वालों से व्हाट्सऐप पर चैटिंग कर रहे थे। अधिकारियों ने मौके पर ही सभी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया और उनकी जगह अन्य जवानों को बुलाया गया। अमित सिंह ने बताया कि, अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर शहर के विभिन्न हिस्सों में 2,500 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था।

अयोध्या पर फैसला
अयोध्या पर SC का फैसला

मालूम हो कि, अयोध्या राम मंदिर विवाद पर 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। उच्चतम न्यायालय ने विवादित जमीन पर राम मंदिर बनाने का फैसला दिया है वहीं, केंद्र को आदेश दिया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में कहीं भी 5 एकड़ जमीन दी जाए। कोर्ट के इस फैसले को दोनों पक्षों ने स्वीकार कर लिया है वहीं, गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए लोगों से शांति और सद्भाव की अपील की है।