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GDP पर प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार से पूछा- ‘क्या किसी वादे का हिसाब मिलेगा?

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आर्थिक मोर्चे पर पहले से ही अलोचनाएं झेल रही मोदी सरकार को शुक्रवार को तगड़ा झटका लगा, जब दूसरी तिमाही में जीडीपी गिरकर 4.5 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई। जीडीपी के ये आंकड़े पिछले 6 साल (26 तिमाही) में सबसे कम हैं। इससे कम जीडीपी 4.3% जनवरी-मार्च 2013 में रही थी। जीडीपी के गिरते स्तर को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा।जीडीपी ग्रोथ रेट
क्या किसी वादे पर हिसाब मिलेगा- प्रियंका गांधी

जीडीपी ग्रोथ रेट को लेकर प्रियंका गांधी ने कहा, ‘वादा तेरा वादा… 2 करोड़ रोजगार हर साल, फसल का दोगुना दाम, अच्छे दिन आएंगे, मेक इन इंडिया होगा, अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन होगी।’ ट्वीट में प्रियंका ने आगे लिखा, ‘क्या किसी वादे पर हिसाब मिलेगा? आज GDP ग्रोथ 4.5% आई है। जो दिखाता है सारे वादे झूठे हैं।’ वहीं, दूसरे ट्वीट में प्रियंका ने कहा, ‘और तरक्की की चाह रखने वाले भारत और उसकी अर्थव्यवस्था को भाजपा सरकार ने अपनी नाकामी के चलते बर्बाद कर दिया है।’

प्रियंका गांधी
अर्थव्यवस्था को भाजपा सरकार ने बर्बाद कर दिया- प्रियंका गांधी

इसके पहले, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने भी जीडीपी के गिरते स्तर पर चिंता जताई। जीडीपी के दूसरी तिमाही के आंकड़े सामने आने के बाद मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘हमारी अर्थव्यवस्था की जो हालत है वह बेहद चिंताजनक है लेकिन उससे भी ज्यादा हमारे समाज की वर्तमान स्थिति चिंताजनक है। किसी भी देश में समाज को अर्थव्यवस्था से अलग नहीं किया जा सकता है।’

वादा तेरा वादा…
2 करोड़ रोजगार हर साल,
फसल का दोगुना दाम,
अच्छे दिन आएँगे,
Make in India होगा,
अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन होगी…

क्या किसी वादे पर हिसाब मिलेगा?

आज GDP ग्रोथ 4.5% आई है। जो दिखाता है सारे वादे झूठे हैं….1/2

मनमोहन सिंह ने कहा कि, कोई भी हमारी अर्थव्यवस्था में तीव्र मंदी और हमारे किसानों, युवाओं और गरीबों के लिए विनाशकारी परिणामों से इनकार नहीं कर सकता। आज जारी जीडीपी के आंकड़े बताते हैं कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में हमारी अर्थव्यवस्था की विकास दर 4.5% है। यह स्पष्ट रूप से अस्वीकार्य है और हमारे लोगों की उम्मीदें हैं कि यह देश प्रतिवर्ष 8-9% की दर से बढ़े और इसलिए पहली तिमाही में विकास दर में 5% की तीव्र गिरावट के बाद दूसरी तिमाही में 4.5% हो जाना वास्तव में चिंताजनक है।