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पेट्रोल – डीज़ल भरवाने के बाद अब नहीं चुकाने होंगे पैसे! जानिए खास तकनीक के बारे में…

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मान लीजिए अगली बार जब अपनी गाड़ी में पेट्रोल भरवाने के लिए पेट्रोल पम्प पर जाएं तो यह काम एक रेडिया फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन तकनीक की मदद से ही पूरा हो जाए. आपकी गाड़ी के फ्यूल नोजल इस बात की जानकारी दे दे कि गाड़ी में कितना पेट्रोल या डीजल भरना है. इसके बाद पेट्रोल पम्प अटेंडेंट इसके आधार पर पेट्रोल या डीजल भरे और फिर आपको भुगतान के लिए इंतजार नहीं करना पड़े. आप पेट्रोल भरवाने के बाद आसानी से वहां से निकल सकें.

मुंबई, नवी मुंबई, थाणे और पुणे के कई HPCL पेट्रोल पंप पर यह मुमकिन भी हो चुका है. इस सुविधा को मुंबई की एक स्टार्टअप AGS ट्रांजैक्ट टेक्नोलॉजी लिमिटेड ने शुरू किया है. यह अपने आप में भारत का पहला मोबाइल फ्यूलिंग सॉल्युशंस है, जिसमें पेट्रोल या डीजल भरवाने के लिए लंबी लाइनों से निजात मिल सकता है.

पेट्रोल पंप पर ये RFID स्टिकर्स कैसे काम करते हैं? 

हर फास्टलेन यूजर्स को एक RFID स्टिकर उपलब्ध कराया जाएगा जो कि उनके फास्टलेन मोबाइल ऐप से लिंक होगा. इस ऐप की मदद से यूजर पहले से ही यह तय कर पाता है कि उसे अपनी गाड़ी में कितना ईंधन भरवाना है. पेट्रोल पंप पर पहुंचने के बाद कार के विं​डशिल्ड पर लगे फास्टलेन RFID स्टिकर की मदद से गाड़ी के बारे में जानकारी, फ्यूल टाईप के साथ-साथ बिलिंग और पेमेंट संबंधी जानकारी पेट्रोल पंप अटेंडेंट को मिल जाएगी. गाड़ी में ईंधन भरे जाने के बाद आपके मोबाइल पर एक नोटिफिकेशन आएगा, जिसके बाद आप आसानी से पेमेंट के​ लिए बिना रुके ही निकल सकते हैं.

किस पेट्रोल पंप पर ये सुविधा है
वर्तमान में, मुंबई, नवी मुंबई, थाणे और पुणे में HPCL के कुल 120 फास्टलेन पेट्रोल पंप हैं. इस नए स्टार्टअप के सतिश जोप ने बताया कि हम देश भर के सभी प्रमुख शहरों में इस सुविधा को लाना चाहते हैं. मार्च 2020 तक हमने देश के 10 प्रमुख शहरों में फास्टलेन पेट्रोल पंप की सुविधा देने जा रहे हैं. मुंबई में ही HPCL के कुल पेट्रोल सेल्स का 2 फीसदी हिस्सा फास्टलेन ऐप से ही आता है.

इस कंपनी का दावा है कि उसके ग्राहकों की कुल संख्या 90 हजार है. कंपनी ने दावा किया है कि यह तकनीक ग्राहकों की चिंत को सीधे तौर पर दूर करता है. जैसे, ईंधन की क्वांटिटी और कितने पैसे खर्च हुआ आदि. इस तकनीक में रियल-टाइम फ्यूल इंडिकेटर भी है.