संसद में पीएम नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का ऐलान किया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में 15 सदस्य होंगे। इनमें 9 स्थायी और 6 नामित सदस्य होंगे। सूत्रों की मानें तो सरकार ने ट्रस्ट में शामिल होने वाले सदस्यों के नाम तय कर लिए हैं।
सूत्रों के मानें तो सुप्रीम कोर्ट में रामलला विराजमान की पैरवी करने वाले सीनियर एडवोकेट केशवन अय्यंगार परासरण की अध्यक्षता में ट्रस्ट का गठन हो सकता है। इसमें जगतगुरु शंकराचार्य, जगतगुरु माधवानंद स्वामी, युगपुरुष परमानंद जी महाराज का नाम भी सदस्यों में हो सकता है। इसके अलावा पुणे के गोविंद देव गिरि, अयोध्या के डॉक्टर अनिल मिश्रा, कामेश्वर चौपाल और निर्मोही अखाड़ा के धीरेंद्र दास का नाम भी ट्रस्ट में शामिल हो सकता है।
राम मंदिर ट्रस्ट में एक प्रतिनिधि केंद्र सरकार की ओर से नॉमिनेट किया जाएगा। यह सदस्य भारतीय प्रशासनिक सेवा का वर्किंग सदस्य होगा। वहीं एक प्रतिनिधि राज्य सरकार की ओर से नॉमिनेट किया जाएगा। वह भी राज्य सरकार में तैनात एक आईएएस अधिकारी होगा। इसके साथ ही अयोध्या के जिलाधिकारी पदेन ट्रस्टी होंगे। केंद्र सरकार के गजट के मुताबिक ट्रस्ट का नाम श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र होगा। ट्रस्ट के परासरन के आवास आर20, ग्रेटर कैलाश, पार्ट-1, नई दिल्ली से चलाया जाएगा। ट्रस्टी इस पर फैसला ले सकते हैं कि ऑफिस कहां स्थानांतरित किया जा सकता है। ट्रस्ट संपत्ति और फंड दोनों का संचालन करेगा। ट्रस्ट समयानुसार नियमों में बदलाव भी कर सकेगा। ट्रस्ट एक स्वतंत्र निकाय होगा।
ट्रस्टी में से एक के लिए अनिवार्य शर्त हिंदू होना भी है। उच्चतम न्यायालय के निर्देश के मुताबिक निर्मोही अखाड़ा के मंहत धीरेंद्र दास रभी एक ट्रस्टी होंगे। ट्रस्टी बनने के लिए अनिवार्य शर्त हिंदू होना है। इस ट्रस्ट के चेयरमैन को ट्रस्टी ही नियुक्त करेंगे