कर्ज लेने वालों को अभी भी भारतीय रिजर्व बैंक से किसी प्रकार की कोई राहत नहीं मिली है। ऐसा इसलिए क्योंकि आरबीआई ने रेपो दर में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है। रेपो दर अभी 5.15 फीसदी पर बना हुआ है।
दरअसल केंद्रीय बैंक खुदरा महंगाई को लेकर ध्यान में रखते हुए प्रमुख नीतिगत दरों पर फैसला लेता है। इस बार ऐसा कुछ भी बदलाव नहीं हुआ। वहीं मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो रेट में बदलाव नहीं करने को लेकर बताया गया कि मौद्रिक नीति समिति के सदस्यों ने सहमति से कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया।
आरबीआई का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2020-21 में देश की जीडीपी ग्रोथ छह फीसदी रहेगी। वहीं, आगामी वित्त वर्ष की पहले छह महीने में वृद्धि दर 5.5 फीसदी से छह फीसदी रहने का अनुमान लगया है। जबकि, वित्त की तीसरी तिमाही में वृद्धि दर 6.2 फीसदी रहने का अनुमान है।
महंगाई को लेकर केंद्रीय बैंक का यह मानना है कि दिसंबर 2019 में तय लक्ष्य से ऊपर निकल गई थी। इसके साथ ही खाने-पीने की वस्तुएं महंगी होने से साल के अंतिम महीने में महंगाई दर 7.35 फीसदी पर पहुंच गई थी। फिलहाल नए साल में प्याज की कीमतों में कमी के साथ महंगाई में भी कमी हुई है।