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डरें नहीं: अपने देश में हाहाकर मचा चुका कोरोना वेरिएंट ही मचा रहा है दुनिया में तबाही

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दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और इंडोनेशिया समेत यूरोप के कई देशों में अचानक हजारों की संख्या में कोरोना वायरस संक्रमण के नए मरीज मिलने लगे हैं। इस जानलेवा महामारी के चलते लोगों की मौतों का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। वहीं, दूसरी ओर सोशल मीडिया पर दुनिया के इन देशों में अचानक बढ़े कोरोना संक्रमण के मामलों से अपने देश में भी अगले कुछ दिनों में फिर ऐसी ही तबाही आएगी जैसे दावे करने वाली खबरों का दौर शुरू हो चुका है।

जबकि कोरोना वायरस पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि दरअसल जिन मुल्कों में इस वक्त तबाही की भयावह तस्वीर सामने आ रही है वहां कोरोना वायरस का कोई नया वेरिएंट नहीं बल्कि अपने देश में तबाही मचाने वाला डेल्टा वेरिएंट ही सामने आया है। इसलिए हम लोगों को उन मुल्कों में इस समय मची तबाही से खुद को जोड़कर नहीं देखना चाहिए। क्योंकि यही वेरिएंट हमारे देश में सबसे ज्यादा नुकसान कर चुका है। बस, सजग रहने की जरूरत है।

कोरोना वायरस पर बारीकी से नजर रखने वाली केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की नेशनल कोविड टास्क फोर्स टीम के सदस्य डॉ. एनके अरोड़ा का कहना है एक बात स्पष्ट रूप से समझ लेनी चाहिए जो वायरस इस वक्त दुनिया के अलग-अलग मुल्कों में खतरा बना हुआ है वही हमारे देश में तबाही मचा कर जा चुका है। इसलिए यह कहना कि दुनिया में बढ़ रहे ये मामले एक बार फिर अपने देश में वैसी ही तस्वीर लाने वाले हैं, जैसी दूसरे देशों में अभी दिख रही है, वो गलत है।

डॉ. अरोड़ा का कहना है कि दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, इंडोनेशिया समेत यूरोप के कई देशों में डेल्टा वेरिएंट खतरनाक रूप ले रहा है। भारत में कोरोना की दूसरी लहर इसी वेरिएंट की वजह से ही आई थी। उनका कहना है कि हमारे देश में इस वक्त डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामले मिले हैं। हालांकि इनकी संख्या बहुत ज्यादा नहीं है लेकिन वैज्ञानिक इस पर लगातार शोध कर रहे हैं।शुरुआती दौर में ये प्रमाण मिले हैं कि यह डेल्टा ज्यादा खतरनाक वायरस नहीं है।

उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा इस कोरोना वायरस के इस वेरिएंट के फैलने की क्षमता (संक्रामक क्षमता) भी उस स्तर की नहीं है जो कि डेल्टा वायरस की थी। डॉ. अरोड़ा का कहना है कि अभी हम सबकी प्राथमिकता में सिर्फ टीकाकरण करवाना ही होना चाहिए। उनका कहना है कि जितनी जल्दी लोग कोरोना टीका लगवाएंगे उतना ज्यादा सुरक्षित रहेंगे। इसलिए बेहतर है कि लोग ज्यादा से ज्यादा टीकाकरण कराएं और खुद को कोरोना वायरस संक्रमण से बचाएं।

अगली किसी लहर में नहीं मचेगी दूसरी लहर जैसी तबाही इसके साथ ही वैज्ञानिकों का भी कहना है देश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर ने जितनी तबाही मचाई अब उस तरीके की तबाही अगली किसी भी लहर में फिलहाल नहीं मचने वाली है। आईसीएमआर के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक का तर्क है कि वायरस के म्यूटेशन के साथ जब उसका नया स्वरूप आता है तभी से उसकी संक्रामक क्षमता जैसी खतरनाक दशाओं के बारे में अंदाजा लगने लगता है।

उनका कहना है डेल्टा के बाद अपने देश में दस्तक दे चुके डेल्टा प्लस वेरियंट की फिलहाल अभी संक्रमण के फैलने की क्षमता डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले बहुत कम है। हालांकि अभी रिसर्च चल रही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी भी लोगों को शारीरिक दूरी और मास्क जरूर लगाना चाहिए। इसके अलावा टीका अवश्य लगवाना चाहिए। क्योंकि इस संक्रमण से इसी तरह से ही बचा जा सकता है।