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सरकारी दफ्तरों में जींस, टी-शर्ट प्रतिबंधित, लागू हुआ ड्रेस कोड, इस तरह दी जाएगी रैंकिंग

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अलीगढ़ के कमिश्नर ने मंडल के सभी दफ्तरों में ड्रेस कोड लागू करने का आदेश दिया है. इसके तहत जींस, टी-शर्ट और चप्पल प्रतिबंधित रहेगी.

Dress Code in Aligarh: उत्तर प्रदेश में अब सरकारी कर्मचारी जींस टी-शर्ट में नजर नहीं आएंगे. सरकार के निर्देशानुसार अब सभी कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड निर्धारित कर दिया गया है. जींस टीशर्ट चप्पल पहनने पर पाबंदी लगा दी गई है. उत्तर प्रदेश के लखनऊ के सचिवालय से शुरू हुआ यह फरमान अब पूरे प्रदेश में लागू होता जा रहा है. अलीगढ़ में भी कमिश्नर गौरव दयाल ने अधिकारियों के जींस टीशर्ट चप्पल पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया है. कमिश्नर गौरव दयाल ने अलीगढ़ मंडल के चारों जिले अलीगढ़, एटा, हाथरस और कासगंज जिले में जिला स्तरीय अधिकारी, मंडल स्तरीय अधिकारी कार्यालय में जींस टीशर्ट चप्पल पहनकर आने वाले कर्मचारी, अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया है. कमिश्नर गौरव दयाल की ओर से बेहतर कार्यालय मुहिम की शुरुआत की गई है.

26 बिंदुओं की शीट तैयार की गई

अब कर्मचारी अधिकारियों के लिए खाली ड्रेस कोड ही नहीं उनके साफ सफाई, शेव बना होना, बाल कटे होना और अन्य करीब 26 बिंदुओं की एक शीट तैयार की गई है. जिसमें प्रत्येक कार्य के लिए अंक भी निर्धारित किए गए हैं. साथ ही प्रत्येक महीने में सभी कार्यालयों का निरीक्षण दूसरे कार्यालय के अधिकारियों के द्वारा कराया जाएगा. जिसके बाद वह नंबर देंगे और उन नंबरों के आधार पर मंडल के कार्यालयों की रैंकिंग तैयार होगी. अच्छी रैंकिंग पाने वाले कार्यालयों को प्रोत्साहन किया जाएगा और वहीं खराब रैंकिंग पाने वालों को नोटिस दिया जाएगा.

मंडल में सभी कार्यालयों में लागू होगी व्यवस्था

अलीगढ़ मंडल के कमिश्नर गौरव दयाल ने बताया कि, सरकारी कार्यालयों में हम लोग ड्रेसअप होकर आए इस तरह के गवर्नमेंट के निर्देश हैं. जींस और टीशर्ट पहन कर नहीं आना है. किस तरह से हम लोगों को अपना ड्रेस को पहनना चाहिए वह बहुत इनफॉर्मल ना दिखें. यह पहले से है, इसको केवल रिपीट किया गया है. मंडल स्तर पर जितने भी कार्यालय हैं उसमें, इसके अलावा व्यवस्था यहीं बनाई जा रही है कि कैसे कार्यालय में जो पत्रावालियों का रखरखाव किस तरह से व्यवस्थित ढंग से और ऑफिसों को मैनेज किया जाए इसमें बेहतर कार्यालय नाम से एक मुहिम चालू की गई है. यह भी व्यवस्था बनाई गई है कि जो वरिष्ठ अधिकारी हैं, वह एक दूसरे के कार्यालय का निरीक्षण करेंगे. कुछ बिंदु है उन पर ऑफिसों को अंक देंगे और हर महीने उसके आधार पर रैंकिंग सिस्टम डेवलप किया गया है.

इस तरह मिलेगी रैंकिंग

ऑफिस कितने अच्छे हैं, कितने ढंग से मैनेज हो रही है. फ़ाइल का रखरखाव फर्नीचर कैसा हो, जो फरियादी आ रहे हैं उनसे किस तरह का बर्ताव होता है उनकी समस्याओं का समाधान कितने ढंग से हो रहा है, इन सभी चीजों के लिए व्यवस्था बनाई गई है और हर महीने रैंक किया जाएगा. ऑफिस को और उसके पीछे उद्देश्य है जो अच्छे ऑफिस हैं उनको हम लोग प्रोत्साहित करेंगे और जो खराब है रैंकिंग में पिछड़े हुए आएंगे, उनको आइना दिखाने का काम होगा कि किस तरह से आपके ऑफिस की स्थिति ठीक नहीं है. उनको ठीक किए जाने की आवश्यकता है.

अधिकारियों ने किया स्वागत

वहीं, कमिश्नर के फरमान का अधिकारी वर्ग ने भी स्वागत किया है. कोल तहसील के एसडीएम कुवर बहादुर सिंह ने बताया कि, बिल्कुल सही है यह और उसके बारे में शासनादेश भी जारी है. यह अच्छा नहीं लगता है कि कोई भी इन फॉर्मल ड्रेस में आकर के काम करें. इससे एनवायरमेंटल की ग्रेविटी कम होती है. हमने कोल तहसील में भी लेखपालों के लिए ड्रेस कोड लागू किया है. खासतौर से जब मीटिंग में आते हैं तो उसका इस्तेमाल करते हैं. अच्छी बात है उसका पालन पहले से हो रहा है और किया जाएगा.