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महाराष्ट्र: बाढ़ और भूस्खलन से 112 लोगों की मौत, एनडीआरएफ की 34 टीमें राहत-बचाव कार्यों में जुटीं

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महाराष्ट्र में बारिश के चलते हालात खतरनाक बनते जा रहे हैं। लगातार पांच दिनों से हो रही बारिश की वजह से रायगढ़, कोल्हापुर, सांगली, सतारा, रत्नागिरी और ठाणे में दर्दनाक हादसे हो रहे हैं, अभी तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं। यहां एनडीआरएफ की 34 टीमें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं। राज्य के मुंबई, पलघर और ठाणे में आज भी बारिश की आशंका है। मौसम विभाग की मानें तो राज्य के कई जिलों में आज भारी से भारी बारिश हो सकती है।

एनडीआरएफ के निदेशक (डीजी) एस एन प्रधान ने राज्य के रायगढ़, रत्नागिरी और सतारा जिलों में जारी राहत बचाव कार्यों पर प्रतिक्रिया दी है। (डीजी) एस एन प्रधान ने ट्वीट कर बताया कि एनडीआरएफ के बचावकर्मियों ने इन क्षेत्रों से कुल 73 शव निकाले हैं, जिनमें सबसे अधिक 44 शव रायगढ़ की महाड़ तहसील के तलिए गांव से हैं। वहीं इन तीन जिलों में 47 लोगों के लापता होने की सूचना है। बता दें कि एनडीआरएफ रायगढ़ में भूस्खलन प्रभावित तलिए, रत्नागिरी में पोरस और सतारा जिले के मीरगांव, अंबेघर और ढोकावाले में काम कर रहा है। एनडीआरएफ के अलावा सेना भी राहत बचाव कार्यों में लगी हुई है।

बारिश और बाढ़ से अभी तक 112 लोगों की मौत
वहीं राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, महाराष्ट्र के पुणे और कोंकण क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश से मरने वालों की संख्या 112 है, जिसमें अकेले तटीय रायगढ़ जिले में 52 शामिल हैं। पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली जिले में 78,111 और कोल्हापुर जिले के 40,882 लोगों सहित 1,35,313 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इलाकों में युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य जारी है।

सांगली जिले के कई गांव बाढ़ की चपेट
कृष्णा नदी के उफनने से महाराष्ट्र के सांगली जिले के कई गांव बाढ़ की चपेट में है। इलाके के लोग बाढ़ के पानी से पूरी तरह घिर चुके हैं। एनडीआरएफ की टीम स्थानीय लोगों की मदद से बचाने में जुटे हुए हैं। अभी तक आठ हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने के निर्देश
राज्य में भारी बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान को लेकर महाराष्ट्र मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया। सीएमओ ने ट्वीट किया ‘एक से दो दिनों में समीक्षा की जाएगी, लेकिन फिलहाल संबंधित जिला कलेक्टरों को बाढ़ पीड़ितों को भोजन, दवा, कपड़े और अन्य आवश्यक सामग्री मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं।

कोंकण रेल मार्ग शुरू
कोल्हापुर के कई हिस्सों में सड़कों पर पानी भर गया है। कोंकण रेल मार्ग फिर से शुरू किया गया है। पटरियां पानी में डूबने की वजह से दो दिन तक इस पर ट्रेनों की आवाजाही बंद कर दी गई थी।