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पाकिस्तान के पास US एम्बेसी को सैलरी देने के लिए फंड्स नहीं, स्टाफ ने छोड़ी नौकरी

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पाकिस्तान (Pakistan) की माली हालत बेहद खराब होती जा रही है. इस वजह से उसकी इंटरनेशनल बेइज्जती हो रही है. हाल ही में सर्बिया में पाकिस्तान एम्बेसी ने इमरान खान (Imran Khan) से सैलरी नहीं देने की शिकायत की थी. अब खबर है कि अमेरिका में मौजूद पाकिस्तान (Pakistan) एम्बेसी के कुछ स्टाफ मेंबर्स को चार महीने से सैलरी नहीं मिली है. इससे नाराज कुछ कर्मचारियों ने जॉब ही छोड़ दी. कतर से भी ऐसी ही बातें सामने आ रही हैं, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है.

पाकिस्तान के अखबार ‘द न्यूज’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में पाकिस्तानी एम्बेसी के पास फंड्स खत्म हो चुके हैं. इसके कई सबूत भी सामने हैं. अब एम्बेसेडर किसी तरह स्थिति को संभालने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे कब तक यह कर पाएंगे? कहा नहीं जा सकता. पाकिस्तान की एम्बेसी में पांच कर्मचारी ऐसे हैं, जिन्हें चार महीने से सैलरी नहीं मिल सकी है. इन्हें आखिरी बार जुलाई में सैलरी दी गई थी. इसके बाद अगस्त से नवंबर तक किसी तरह का भुगतान नहीं किया गया. ये वो स्टाफर हैं जिन्हें अमेरिका में ही हायर किया गया था. ये लोग करीब 10 साल से एम्बेसी में काम कर रहे थे.

जानकारी के मुताबिक, पांच में से कुछ कर्मचारी इस्तीफा दे चुके हैं, लेकिन एम्बेसी या दूसरे लोग इस बारे में कुछ बोलने से बच रहे हैं. इन्हें सालाना कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी दी गई थी. सभी की सैलरी करीब 2500 हजार डॉलर महीने है.

सर्बिया में भी यही हुआ था
पाकिस्‍तान की हाल ही में उस समय जगहंसाई हुई, जब सर्बिया (Pakistan Embassy Serbia) में पाकिस्तान की एम्‍बेसी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर महंगाई और तीन महीने से तनख़्वाह नहीं मिलने की शिकायत की गई है. इस ट्वीट में प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को भी टैग किया गया है. इसी ट्वीट के नीचे एक और ट्वीट किया गया है जिसमें लिखा गया है कि इसके अलावा और कोई विकल्प नहीं था.

पाकिस्तान में महंगाई 70 साल के उच्च स्तर पर
पाकिस्तान में महंगाई की मार से आम जनता बेहद परेशान है. बताया जा रहा है कि पाकिस्तान में महंगाई 70 सालों में अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है. ‘द न्यूज’ की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में खाने की कीमतें दोगुनी हो चुकी हैं. घी, तेल, आटा और चिकन की कीमतों में जबर्दस्त उछाल आया है.
खाने-पीने से लेकर डीजल-पेट्रोल की कीमतें आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गई हैं. इस बुरे हालात के लिए लोग सीधे तौर पर इमरान खान को जिम्मेदार बता रहे हैं. लोगों का कहना है कि एक प्रधानमंत्री के रूप में इमरान सभी मोर्चों पर असफल हो गए हैं.